सरकारी नौकरी लगने का जादुई फॉर्मूला.... ❤️
- SarkariResult

- 9 hours ago
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जानते हो मेरी सरकारी नौकरी कैसे लगी... एक दिन तकिए के नीचे एक पेपर पर "टीचर "लिखकर सो गई और सुबह उठी तो ज्वाइनिंग लेटर मेरे घर पर था....
बिल्कुल इतना ही आसान होता है सरकारी नौकरी लगना
आप भी अपने बच्चों की या अपनी सरकारी नौकरी ऐसे ही लगा सकते हैं ...
ये फॉर्मूला उनके लिए है जो सरकारी नौकरी वालों से जलते हैं और उनकी सैलरी ज्यादा लगती है।
ऐसे हजारों लाखों लोग हैं जो सरकारी टीचर की सैलरी से धुंआधार जलते है...
लोग कहते हैं कि कुर्सी तोड़कर सैलरी ले जाते हैं और इससे ज्यादा काम तो 10,000 में प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने वाला टीचर या एक मार्केटिंग वाला ज्यादा मेहनत कर देता है ...
आज सबकी बातों का जवाब दिया जाएगा...
सरकार वेकैंसी निकालती है तो उसमें सब फॉर्म भर सकते हैं फिर लिखित परीक्षा होती है फिर इंटरव्यू होता है और आजकल तो कोर्ट से भी लड़कर नौकरी लेनी पड़ती है...
तो ये 10,000 के मेहनती प्राइवेट वालों का फॉर्म कोई रोक देता है या मार्केटिंग वालों के प्रेशर वालों का फॉर्म सरकार भरने से मना कर देती है?
तो ये मेहनती लोग जान बूझकर ज्यादा मेहनत करने के चक्कर में पेपर खाली छोड़ आते हैं?
असल में ये सच्चाई है जो लोग सरकारी एग्जाम पास नहीं कर पाते हैं वो ही प्राइवेट में 10,000 की नौकरी करते हैं।
2005 से पहले घर से दूर सरकारी नौकरी कोई नहीं करना चाहता था क्योंकि सैलरी नाम मात्र की मिलती थी... इससे ज्यादा तो math science के गुरुजी घर पर ट्यूशन देकर कमा लेते थे।
अब जो लोग शिक्षक बनने की इच्छा रखते हैं ... वो पहले तो साथ साथ एग्जाम देते हैं और जो सलेक्ट नहीं हो पाया वो सलेक्ट होने वाले को अपना परम दुश्मन मान
लेता है होना उल्टा चाहिए कि उससे इंस्पायर होकर कड़ी मेहनत करनी चाहिए थी।
ये 10,000 की मार्केटिंग वाले लोग सरकार के द्वारा कराई गई खुली प्रतियोगिता को चैलेंज और पेपर को पास क्यों नहीं कर पाते... जब इतने ही प्रेशर और मेहनत वाले है तो?
इनको भी पता है कि जिंदगी भर कुत्ते की तरह जिंदगी जीनी होगी तो चॉइस होते हुए भी प्राइवेट क्यों चुनते हैं...
असल में कुछ भी नहीं है ये अपनी नाकामयाबियों को सरकारी नौकरी वालों पर थोपना चाहते हैं और दिखाना चाहते हैं कि हम ज्यादा मेहनती हैं असल में उम्र के उस पड़ाव पर ये लोग अपने घर में पड़े पड़े ऐश कर रहे होते हैं ...
शुरुआत एक ही जगह से ही होती है किंतु ये जलने वाले लोग उस समय अपने माता पिता के पैसों को गलत राह पर लगा रहे होते हैं...
और जब सरकारी रिजल्ट में खुद का नंबर नहीं आता है तो जलने लगते हैं उससे जो दिन रात एक करके पढ़ाई कर रहा होता है...
असल में निकम्मे होते हैं ये लोग जो समय पर अपना भविष्य नहीं देख पाते हैं और बाद में जब समय इनके लात मारता है तो अपना फस्ट्रेशन नौकरी करने वाले लोगों पर निकालते हैं।
ऐसा कोई प्राइवेट का शिक्षक नहीं होगा जिसने सरकारी नौकरी की तैयारी नहीं की होगी... बनना सब चाहते हैं किंतु मेहनत उसी की रंग लाती है जो कुछ हटके जी जान लगाता है ना दिन देखता है ना रात देखता है, ना शादी ना रिश्तेदार और न सैर सपाटा...
केवल एक गरिमामय जीवन जीने के लिए।
क्योंकि पैसा तो एक माइंडेड व्यक्ति कैसे भी कमा सकता है कुछ लीग से हटकर करके कमा सकता है किंतु आज के समय में शिक्षक वो बनता है जो दुनिया बदलना चाहता है....
शिक्षक बनने का सफर इतना ही आसान है तो आप भी बन जाएं ... आपको किसने रोका है खुली प्रतियोगिता है सबको पछाड़कर निकल जाइए और आइए हमारे साथ कुर्सी तोड़िए।
आपकी औकात एक शिक्षक कैसे बनाता है सबसे पहले जन्म होते ही आंगनवाड़ी में आपका नाम शिक्षक लिखता है।
पांच साल का होने पर आपको आपका हाथ पकड़कर शिक्षक ही पहली लाइन खींचना सिखाता है...
शिक्षक ही वो प्राणी है जो आपको और आपकी प्रतिभा को पहचानकर आपको लक्ष्य का बोध कराता है ...
आपकी जेब में जो आपका पहचान पत्र है वो एक सरकारी शिक्षक ही बनाता है।
आपको सरकार चुनने के लिए पहला बेलट पेपर शिक्षक ही देता है।
आपके कंधे पर जो टीके का निशान है वो किसी सरकारी विद्यालय की देन है ।
कोई भी व्यक्ति आज जो भी आमदनी कमा रहा है या किसी भी पद पर है वो केवल एक शिक्षक के कारण...
जब मैं 10 साल की थी सरकारी शिक्षक बनने का सपना
मैंने तब देखा था....
सोचो कितने जतन और रास्ते तलाशे होंगे...
चाहती तो पुलिस ज्वाइन कर सकती थी पर उस समय घरवालों ने साफ इनकार कर दिया..
नर्स बन सकती थी किंतु पापा ने कहा रात दिन कभी भी बुला लेते हैं... एक ही ऑप्शन था शिक्षक बनना
होश संभालने से पहले ही ये जानती थी मुझे टीचर ही बनना है।
हमारे बचपन में एक एड आता था एक भाई बहन का जोड़ा होता है जिसमें लड़की के साथ भेदभाव होता है वो अपने बेटे को बहुत प्यार करते हैं किंतु बेटी को नौकरानी की तरह रखते हैं... मेहमान लड़के से पूछते हैं आप बड़े होकर क्या बनोगे तो बोलता है मैं तो डिस्को डांसर बनूंगा...
लड़की से कोई नहीं पूछता कि क्या बनोगी पर फिर भी वो चिल्लाकर बताती है मैं टीचर ही बनूंगी...
तो उस दिन से ये सपना मेरा हो गया और अब कुछ लोग बोलते हैं सैलरी इतनी मिलती है तो मैने खुद चुना है ये प्रोफेशन...
आप वही बनते हैं जो आप बनना चाहते हैं ।
फिर पूरी कायनात आपको वही बनाने में लग जाती है।
आपकी मेहनत ही आपका भविष्य निर्धारित करती है अब अगर आप 10,000 कमाते हो तो आप इसी लायक हो अगर मैं एक लाख कमाती हूं तो मैं उसी लायक हूं अंबानी अगर करोड़ों कमाता है तो वो उस लायक है और एलन मस्क अरब कमाता है तो वो डिजर्व करता है... आप यूंही जलते रहें और अपनी मेहनत का रोना रोते रहें।
मुझे गर्व है कि मैं सरकारी शिक्षक हूं। ❤️


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